Thursday, February 12, 2009
हम बने.. तुम बने.. एक-दूजे के लिये
हम बने तुम बने तुम बने एक दूहे के लिये...
हम तुम्हे चाहते है ऐसे,
मरने वाला कोई ज़िन्दगी चाहता हो जैसे...
तेरे बिना जिया जाये ना,
बिन तेरे....तेरे दिन सांस आये ना...
दिल ये बेचैन वे....रस्ते पे नैन वे...
आजा सांवरिया..आ आ आ....
तुम दिल की धडकन मॅ रहते हो...
तुम अगर साथ देने का वादा करो ....
मैं यूँ ही मस्त नगमे सुनाता रहूँ...
ना जाओ संइया छुडाके बइयाँ.....
कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी...
मुझे दुनिया वालो शराबी ना समझो...
मैं पीता नही हूँ....पिलाई गई है.....
ये वो सारे गीत है जो इन चित्रॉ को सच साबित करते है. अगर आप भी कुछ कहना चाह्ते हैं तो फिर देर किस बात की...झट से नीचे टिप्पणी दे डालिये...कि ये रिश्ता क्या कहलाता है....
Monday, February 2, 2009
मासूम मुहब्बत
मासूम मुहब्बत का इतना सा फ़साना है
कागज की कश्ती है बारिश का ज़माना है
क्या शर्ते मुहब्बत है क्या शर्ते ज़माना है
आवाज़ भी ज़ख्मी है और गीत भी गाना है उस पार उतरने की उम्मीद बहुत कम है
कश्ती भी पुराणी है और तूफान को भी आना है
वो समझे न समझे अंदाज़ मुहब्बत के
एक इन्सान को आँखों से शेर सुनना है
भीगी सी अदा इश्क का अंदाज़ पुराना है
फिर आग का दरिया है फिर डूब के जाना है
कागज की कश्ती है बारिश का ज़माना है
क्या शर्ते मुहब्बत है क्या शर्ते ज़माना है
आवाज़ भी ज़ख्मी है और गीत भी गाना है उस पार उतरने की उम्मीद बहुत कम है
कश्ती भी पुराणी है और तूफान को भी आना है
वो समझे न समझे अंदाज़ मुहब्बत के
एक इन्सान को आँखों से शेर सुनना है
भीगी सी अदा इश्क का अंदाज़ पुराना है
फिर आग का दरिया है फिर डूब के जाना है
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