Thursday, October 14, 2010

अब शुरू होंगे खेल, आरोप -प्रत्यारोप का खेल, राजनैतिक खींचतान

खेलों का शुभ समापन, और घोटाले छिपाने का खेल शुरू... हो गया. भारत की साख बच गयी है. सब लोग खुश हैं. सोने के तमगों की गिनती भी बढ़ गयी है. खेलों मैं कई नए कीर्तिमान बने, कई पूर्व कीर्तिमान टूटे हैं. खेल शुरू हनी से पहले भी बहुत से कीर्तिमान हमारे आयोजन कर्ताओं ने बनाए. वो सारे कीर्तिमान ऐसे हैं जो सिर्फ वे ही बना सकते थे.आयोजन से जुडे सब लोग राहत की सांस ले रहे हैं. अच्छी बात है, पर इससे भी अच्छी बात तब होगी जब इनसब लोगों के काले कारनामे भी उजागर होंगे. और दोषी लोगों को दण्डित करने की कार्रवाही ईमानदारी से होगी. जिसकी आशा मुझे और इस देश कि जनता को कतई नहीं है.

असल खेल तो अब शुरू होंगे. लुका छिपी के खेल, आरोप -प्रत्यारोप का खेल, राजनैतिक खींचतान का खेल. कानून को तोडने मरोड़ने का खेल, और भी न जाने कौन कौन से खेल ईजाद कर लिए जायेंगे. जो लोग इन खेलों मैं जीतेंगे वो सम्मानित कीये जायेंगे या नहीं, उन्हें भी कोई तमगा मिलेगा या नहीं, उनका नाम भी खर्ब्रों मैं होगा या नहीं, यह सब तो समय के गर्भ मैं ही छिपा है और रहेगा.

सफल आयोजन की ख़ुशी के तले कहीं उन सबके काले कारनामे भी हमेश की तरह दब कर ना रह जाएँ. हमें और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए. नहीं तो भ्रष्टाचार के माहिर लोगों को बल मिलेगा और माहौल बद से बदतर होता जायेगा.

मेरी भारत के देशवासियों से अपील है कि इस मामले को इस तरह से दबाया न जाने दें. यही इस समय राष्ट्र की सबसे बड़ी मांग है. जय हिंद. जय भारत.

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