Saturday, January 17, 2009

यह रविवार है दोस्तो


आज रविवार है. आराम से सुस्ताने का दिन. मिल जाते है फुरसत के पल इस दिन.कोई भूला हुआ गीत गुनगुनाने का दिन, खुद के बारे मॅ थोड़ा सोचने का दिन. भाग-दौड़ से ज़रा किनारा करने का दिन. आपने कमरे से मिलने का दिन, अपने कपड़ॉ से, जूतॉ से, हाथॉ पैरॉ से, बालॉ से, आंखॉ से, पानी से मिलने का दिन. और लाला का उधार चुकाने का दिन, बीवी पर दुलार लोटाने का दिन, बच्चॉ को उपहार जुटाने का दिन, बेमन से त्यौहार मनाने का दिन. परिचितॉ रिश्ते-नातेदारॉ से मनुहार लड़ाने का दिन, पडोसी से प्यार दिखाने का दिन, पडोसन से प्यार बढाने का दिन, बाकी महिने का हिसाब लगाने का दिन, गाड़ी-स्कूटर को मकैनिक से मिलाने का दिन. हफ्ते भर की सब्ज़ी बज़ार से लाने का दिन, बच्चॉ से साथ शाम बज़ार मॅ बिताने का दिन, रात का खाना होटल मॅ खिलाने का दिन, रूठी पत्नि/प्रेमिकाऑ को मनाने का दिन,दिन भार की थकी हारी बीवी के हाथ-पैर दबाने का दिन,कुछ नये वादे करने का दिन, कुछ सच्चाईयॉ छिपाने का दिन, कुछ नये सपने सजाने का दिन, रात को सोते समय ख़ुद से निगाह ना मिला पाने का दिन, फिर भी नई हिम्मत से मुस्कुराने का दिन. और " फिर मिलते है अगले हफ्ते..." मुस्कुराते हुए खुद से यह बात कह जाने का यह दिन. है ना रविवार आराम से बिताने का दिन.

3 comments:

  1. U R REALLY A GEM OF A PERSON!!!
    U R REALLY A GOD'S PRECIOUS GIFT FOR U R FRNDZ , FAMILY AND FOR US AS WEELL.

    I WISH MAY GOD GIVES U ALL THAT WHICH U DESERVE!!!!!!!!!!!!!



    CHEERS...

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  2. Nicelly written....
    Nicely explained...
    Nicely said....
    it is gud...:)
    :) :) :).....tk god bless:)

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  3. yaar ravivar itna to bura din nahi hota kun ravivar ki itni tarif kar rahe ho?

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